एग्रीकल्चर फारेस्ट्री के तहत कृषकों को सहजन खेती के लिए प्रेरित किया जायः डॉ. अफरोज़ अहमद

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बहराइच । जिला पर्यावरण प्रबंधन प्लान निरूपण के प्रगति की समीक्षा करते राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) प्रधान न्यायपीठ, नई दिल्ली के सदस्य/न्यायाधीश डॉ. अफरोज अहमद ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान आकांक्षात्मक जनपद बहराइच में फसल अवशेष प्रबन्धन के क्षेत्र में किये गये नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि फसल अवशेष से एनर्जी पिलेट्स तैयार करने के मॉडल को एनजीटी द्वारा हरियाणा सहित देश के अन्य प्रदेशों में लागू करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
पर्यावरण संतुलन हेतु संचालित किये जा रहे पौधरोपण अभियान की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये गये कि रोपित किये गये पौधों के सरवाईवल रेट में इज़ाफा किया जाय तथा गत वर्ष रोपित किये गये पौधों का सत्यापन भी करा लिया जाय। उन्होंने सुझाव दिया कि पोषण तत्वों से भरपूर सहजन की एग्रीकल्चर फारेस्ट्री के लिए कृषकों को बढ़ावा देने के साथ-साथ मार्केटिंग की भी व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा कि जिले में गंगा की सहायक नदियों, जलाशयों, सरोवरों एवं तालाबों का अभिलेखीकरण करते हुए इन्हे ईको टूरिज़्म से जोड़ने हेतु कार्ययोजना तैयार करें तथा ऐसे सभी स्थानों को कतर्नियाघाट के साथ सर्किट के रूप में विकसित किया जाय। डॉ. अहमद ने यह भी निर्देश दिया कि प्रदूषण का उत्सर्जन करने वाली सभी औद्योगिक इकाईयों में सर्वोच्च न्यायालय एवं एन.जी.टी. के मानकों का पालन कराया जाय।
डॉ. अहमद ने कहा कि सालिड वेस्ट मैनेजमेन्ट के लिए ऐसी प्रभावी कार्ययोजना तैयार की जाए जिससे स्थानीय लोगों को रोज़गार के अवसर भी मिले। पर्यावरण संरक्षण भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पर्यावरण संरक्षण से सम्बन्धित परियोजनाओं में धन की कमी आड़े नहीं आयेगी। उन्होंने अधिकारियों को सुझाव दिया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर उन्हें धरातल पर क्रियान्वित भी कराएं। न्यायाधीश ने बहराइच को प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर बताते हुए कहा कि यहॉ पर ईको पर्यटन को बढ़ावा देकर युवा पीढ़ी को रोज़गार के अधिक से अधिक अवसर प्रदान किये जा सकते हैं।
न्यायाधीश ने नगर निकायों में ग्रीन बेल्ट विकसित कर नगर की सुंदरता एवं वायु गुणवत्ता सुधारने का भी निर्देश दिया। अस्पतालों एवं अन्य कामर्शियल भवनों तथा प्रतिष्ठानों में ग्राउंड वाटर के दोहन को मापने के लिए पानी का मीटर लगवा कर पानी के अविवेकपूर्ण उपयोग को रोकने तथा मिशन लाइफ अभियान के अन्तर्गत नीति आयोग द्वारा सात बिन्दुओं के अन्तर्गत चिन्हित कुल 75 गतिविधियां के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया। डॉ. अहमद ने 120 माइक्रोन से नीचे के प्लास्टिक पर सख्ती पूर्वक रोक लगाकर, कागज एवं कपड़ों के थैलों को बढ़ावा देकर स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
सभागार में मौजूद अधिकारियों से विस्तारपूर्वक परिचय कराने के लिए डॉ. अहमद ने जिलाधिकारी मोनिका रानी की सराहना की। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने आभार ज्ञापित करते हुए न्यायाधीश डॉ. अहमद को आश्वस्त किया कि पर्यावरण प्रबंधन प्लान निरूपण के सम्बन्ध में प्राप्त हुए सुझावों एवं निर्देशों का अनुपालन कराया जाएगा। बैठक के अन्त में मा. न्यायाधीश डा. अफरोज़ अहमद तथा अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य फिरोज़ खान को स्मृति चिन्ह के रूप में रूद्राक्ष का पौध भेंट किया गया।
पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए न्यायाधीश डॉ. अहमद ने कहा कि हम सभी लोगों को मिशन लाईफ के तहत संकल्प लेना होगा कि हम अपने दैनिक जीवन में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग में कमी लायेंगे, जल के महत्व को समझते हुए जल का विवेकपूर्ण उपभोग करेंगे तथा वातावरण को सुन्दर और स्वच्छ बनाये रखने के लिए उपलब्ध भूमि पर अधिक से अधिक पौधरोपण कर इस सुन्दर धरा को और सुन्दर बनाये रखने में सहयोग प्रदान करेंगे।
बैठक के दौरान प्रभागीय वनाधिकारी संजय शर्मा ने जिला पर्यावरण प्रबंधन प्लान निरूपण, अधि.अभि. नगर पालिका परिषद बहराइच बालमुकुन्द मिश्रा व जिला पंचायत राज अधिकारी राघवेन्द्र द्विवेदी ने ठोस एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबन्धन, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एस.के. सिंह बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबन्धन, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उ.प्र. अयोध्या चन्द्रेश कुमार ने ई-वेस्ट ध्वनि प्रदूषण एवं वायु प्रदूषण के बारे में पी.पी.टी. के माध्यम से कार्ययोजना प्रस्तुत की।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक प्रशान्त वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, अपर जिलाधिकारी अनिरूद्व प्रताप सिंह, नगर मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर, डीएफओ बहराइच संजय शर्मा व कतर्नियाघाट के आकाश दीप बधावन, जिला विकास अधिकारी महेन्द्र कुमार पाण्डेय, उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही, सीएमओ डॉ एस.के. सिंह, अधि.अभि. पीडब्ल्यूडी अमर सिंह, डीएचओ पारसनाथ, डीएसटीओ डॉ अर्चना सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उ.प्र. अयोध्या चन्द्रेश कुमार, नोडल सरयू नहर खण्ड दिनेश कुमार, अधि. अभि. ड्रेनेज खण्ड शोभित कुशवाहा सहित अन्य अधिकारी, जिला पर्यावरण समिति की सदस्य डॉ डिम्पल जैन, उत्कर्ष श्रीवास्तव तथा अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।

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