जलशक्ति मंत्री के निरीक्षण में मिली खामियां ही खामियां

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मंत्री के दौरे पर लीपापोती में लगा रहा सिंचाई विभाग*

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        बाराबंकी। आज रामकेश निषाद माननीय मंत्री जलशक्ति विभाग उत्तर प्रदेश का बाराबंकी में निरीक्षण था। राज्य मंत्री श्री रामकेश निषाद रामनगर के बुढ़वल स्थित निरीक्षण भवन में पहुँचे। ततपश्चात महादेवा होते हुए घाघरा तटबंध पहुँचे। वहां अव्यवस्थाओं की भरमार मिली। जगह जगह से तटबंध कटा हुआ मिला। जिस पर सिंचाई विभाग के अधिकारी बहाने बनाते रहे और सब कुछ सही हो जाने का दावा करते रहे।

 *बारिश का मौसम सर पर, तैयारी अधूरी*

        जुलाई से मानसून आने पर और नेपाल से पानी छोड़े जाने पर घाघरा की स्थिति भयावह हो जाती है। घाघरा जनपद बाराबंकी में रामनगर, सूरतगंज व सिरौलीगौसपुर के तटवर्ती गांवों  में बाढ़ का कहर ढा देती है। ऐसी स्थिति में भी आधी अधूरी तैयारी से सिंचाई विभाग के अधिकारी बेशर्मो की तरह  मात्र 5 दिनों में15 तारीख से पहले तटबंध पूरा कर लेने का दावा करते दिखे विचारणीय है कि मात्र 5 दिनों में तटबंध का 80% कार्य किस तरह पूरा हो सकेगा?

*बोल्डर, मिट्टी से भरी बोरी से नही बल्कि बांस की खपच्ची से रोकेंगे घाघरा की बाढ़*

बांस की खपच्ची से बाढ़ रोकने के प्रयास को सुनकर राज्यमंत्री भी चौंक गए।  जब सिचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि समय अभाव के चलते 90  *बम्बू कटर्स*  बनवाये जा रहे हैं। इस पर मंत्री ने पूछा कि *बम्बू कटर* क्या है? जिस पर सिचाई विभाग के अधिकारियों ने उन्हें बांस से बनी खपच्ची दिखाई। मंत्री ने नाराजगी दिखाते हुए आपत्ति जताई कि इस तरह लापरवाही से तटबंध फिर कट जाएगा। सारी मेहनत व तटबंध में लगा सारा बजट बेकार हो जाएगा। इसको पुनः सुधरवाइये।

  *चापलूसी में लगा रहा विभाग*

मंत्री के आक्रोश जताने पर वापसी में सिचाई विभाग के आला अधिकारी मंत्री व उनके स्टाफ को खाना परोसते  नजर आए व पूरे निरिक्षण के दौरान यह सुनिश्चित किया कि कोई स्थानीय व्यक्ति मंत्री से अपनी बात रखकर शिकायत न करने पाए। इससे साफ पता चलता है कि हर वर्ष बाढ़ के नाम पर अरबों का बजट सिचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा डकार लिया जाता है। जिससे स्थानीय जनता को बाढ़ के कहर में मरने के लिए भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता है।सिचाई विभाग के अधिकारी पूरे निरीक्षण के दौरान स्थानीय लोगों को दूर हटाते दिखे।

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