सूफी संत हजरत सैयद वारिस अली शाह (रह0) के नाना हजरत शेरशाह(रह0) व मां सैयदना चांदबीबी(रह0) की दरगाह पर उर्स

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बाराबंकी (सफेदाबाद) विकास खण्ड बंकी के अन्तर्गत ग्रा0 सन्दौली उमरपुर में हर साल की भांति इस वर्ष भी सूफी संत हजरत सैयद वारिस अली शाह (रह0) के नाना हजरत शेरशाह(रह0) व मां सैयदना चांदबीबी(रह0) की दरगाह सन्दौली उमरपुर में धूमधाम से उर्स मनाया गया। बाराबंकी जिले के सन्दौली गांव में स्थित यह दरगाह हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है जहां प्रत्येक वर्ष 17 मार्च को उर्स मनाया जाता है जिसमें सभी धर्मों के लोग आते हैं व मजार पर मुरादे एवं मन्नते मांगते हैं ।दरगाह के संरक्षक मोहम्मद कल्लन सिद्दीकी ने इस मौके पर अपने विचार व्यक्त किए सिद्दीकी ने बताया कि इस उर्स की नींव सन 1997 में उनके व उनके सहयोगी स्वर्गीय मुशीर सिद्दीकी द्वारा रखी गई जिसके आज 26 वर्ष पूर्ण हो गए हैं। इस मौके पर दरगाह के प्रबंधक रहे स्व. मुशीर सिद्धकी का स्मरण किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर आए सय्यद अंसार अहमद ने लोगों को संबोधित किया व अतिथि के रुप में आए शकील मुस्काबादी ने भी अपनी सुरीली आवाज से लोगों का ध्यान आकर्षित किया। गांव के हाफिज शमशाद अंसारी ने लोगों के बीच अपना कलाम रखा वही सैयद अंसार अहमद ने अपने संबोधन से लोगों का ध्यान आकर्षित किया एवं अन्य साथियों ने नात व तकरीर का बयान किया। समापन के पश्चात सभी ने देश दुनिया में अमन व शांति की दुआएं मांगी और समापन के पश्चात लंगर का आयोजन किया गया। उर्स में आसपास से आए सभी ज़ायरीनो ने प्रसाद ग्रहण किया। उर्स के संचालक के रूप में मुख्तार सिद्दीकी कफील सिद्धकी मोहम्मद अलीम हाजी वासिक वारसी ने बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया एवं काफी लोगों ने इस उर्स में हिस्सा लिया। गांव की काफी महिलाएं भी उसमें मौजूद रही इस मौके पर मुबस्सिर, शिवपूजन, राकेश यादव, इश्तियाक ,एजाज, अयान ,जुनैद, नावेद, सद्दाम, अनस, मुस्तकीम ,गुड्डू ,सतीश गौतम ,शकील, अलाउद्दीन,सद्दू एवं गांव के काफी लोग उपस्थित रहे।

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