सिलौटा में सम्पन्न हुआ बाढ़ से बचाव व राहत कार्यों का मेगा मॉकड्रिल

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बहराइच । शासन व जिलाधिकारी मोनिका रानी के निर्देश पर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव व राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के उद्देश्य से तहसील महसी अन्तर्गत ग्राम गोलागंज में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। मॉक ड्रिल के लिए तैयार पटकथा के अनुसार प्रातः 08:00 बजे आपदा नियंत्रण केन्द्र में सूचना प्राप्त होाती है नेपाल से छोड़े गये पानी के कारण महसी क्षेत्र से इमरजेन्सी काल प्राप्त होते ही सभी अधिकारी इन्सिडेन्ट कमाण्डर व प्लानिंग सेक्शन चीफ/मुख्य राजस्व अधिकारी अवधेश कुमार मिश्र के नेतृत्व में घटना स्थल पर रवाना हो गये।
घटना स्थल सिलौटा में नेपाल राष्ट्र से पानी आने के कारण बाढ़ से गॉव में पानी भर जाता है। ऐसी परिस्थिति में सबसे पहले एनडीआरएफ, एस.एस.बी. व फ्लड पी.ए.सी. के जवानों ने पब्लिक एैड्रेस सिस्टम से लोगों को आगाह किया गया कि इस क्षेत्र में बाढ़ का पानी बढ़ रहा है, परन्तु आप लोग घबराएं नहीं। सभी पीड़ित व्यक्तियों की मदद के लिए पूरा जिला प्रशासन मौजूद है। मॉकड्रिल की मुख्य विशेषता यह रही कि बाढ़ के पानी से घिरे गांव के लोगों को रेस्क्यू कर बाहर लाया गया। पूर्वाभ्यास के दूसरे सेनारियों में ग्रामवासियों से भरी नाव ओवर लोडिंग के कारण बीच नदी में पलट जाती है और सवार लोग डूबने लगते हैं। पानी में डूब रहे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ, एस.डी.आर.एफ., एस.एस.बी., व फ्लड पी.ए.सी. के जवानों द्वारा संयुक्त रूप से रेस्क्यू आपरेशन कर डूब रहे लोगों को सुरक्षित नदी से बाहर लेकर आयें। यहां पर सर्वप्रथम चिकित्सकों व पैरा मेडिकल स्टाफ द्वारा पानी से निकाले गये लोगों का स्वास्थ परिीक्षण कर प्राथमिक उपचार के उपरान्त जीवनरक्षक उपकरणों से सुसज्जित एम्बुलेन्स पर सवार चिकित्सालय के लिए रवाना किया गया। मॉकड्रिल के तीसरे सेनारियों में रेस्क्यू टीम की खुद ही नाव पलट जाती है। नाव पर सवार जवानों द्वारा खुद को सुरक्षित रखते हुए पानी में ही नाव को सीधा स्वयं को बचाया गया। जबकि चौथे सेनारियों में बाढ़ प्रभावित लोगों के मवेशियों को किनारे पर लाया गया। नदी के किनारे मौजूद पशुपालन विभाग की टीम ने पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण उपचार किया गया।
मॉकड्रिल स्थल पर मौजूद मुख्य राजस्व अधिकारी अवधेश कुमार मिश्र ने कहा कि मॉकड्रिल का उद्देश्य यह है कि हम वास्तविक आपदा आने से पूर्व ही उन्हीं परिस्थितियों का सामना करते हुए राहत व बचाव कार्यों को सम्पन्न कराकर अपनी तैयारियों को परख लें। उन्होंने कहा कि सभी विभागों द्वारा मॉक ड्रिल के लिए बेहतर तैयारी की गयी है। उन्हें विश्वास है कि यदि वास्तविक आपदा जैसी कोई परिस्थितियॉ उत्पन्न होती हैं तो सभी विभाग बेहतर कार्य कर सकेंगे। श्री मिश्र ने मॉकड्रिल में प्रतिभाग करने वाले अधिकारियों तथा सुरक्षा एजेन्सियों के जवानों का आभार ज्ञापित करते हुए ग्रामवासियों से अपील की कि मॉकड्रिल के दौरान बतायी गई बातों को दूसरे लोगों के साथ भी शेयर करें ताकि आपदा के दौरान जानी व माली नुकसान को न्यून से न्यूनतम किया जा सके।
मॉक ड्रिल के उपरान्त मौके पर मौजूद सभी अधिकारियों ने अन्य सम्बन्धित के साथ बौण्डी के रामलीला मैदान में आपदा प्रबन्धन से जुड़े विभिन्न विभागों यथा राजस्व, नागरिक सुरक्षा, मानव एवं पशु चिकित्सा, खाद्य एवं रसद एवं शिक्षा विभाग द्वारा लगाये गये प्रदर्शनी पण्डालों का निरीक्षण कर बाढ़ के समय विभाग द्वारा प्रदत्त की जाने वाली सेवाओं एवं सुविधाओं के बारे में जानकारी प्रदान की। घटना स्थल पर खाद्यान्न किट एवं पशुओ के लिए चारा एवं भूसा वितरण कार्य का डैमो भी प्रस्तुत किया गया। अन्त में मुख्य राजस्व अधिकारी के नेतृत्व में मौजूद अधिकारियों ने रामलीला परिसर में पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का सन्देश दिया।  
इस दौरान एएसपी ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी, उप जिलाधिकारी महसी राकेश कुमार मौर्या, डिप्टी कलेक्टर डा. पूजा यादव, प्रशिक्षु पीसीएस प्रिंस वर्मा, डीसी मनरेगा केडी गोस्वामी, डीडीओ महेंद्र पांडेय, डीपीआरओ राघवेंद्र कुमार द्विवेदी, डीआईओएस नरेंद्र पांडेय, पीडीडीआरडीए राजकुमार, तहसीलदार महसी पीयूष श्रीवास्तव, बीडीओ फखरपुर शैलेंद्र सिंह, तेजवापुर अजय सिंह, बीईओ जगन्नाथ यादव, नायब तहसीलदार विपुल कुमार सिंह, सौरभ सिंह, संग्राम सिंह, एसओ गणनाथ प्रसाद मौजूद रहे।

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