
बाराबंकी। अपने जीवन साथी की दीर्घायु के लिए सबसे कठिन व्रत रखकर आज सुहागिनों ने चांद देख कर अपना व्रत तोड़ा, और अपने पति सहित घर के सभी बड़े बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया। करवाचौथ को महिलाओं ने रोहिणी नक्षत्र और वरियान योग में चांद का दीदार किया। चांद देखने के बाद ही सुहागिनें समस्त विघ्नहर्ता गणेश लक्ष्मी व मां पार्वती की विधिवत पूजा अर्चना के बाद चांद को अर्क देकर अपना व्रत खत्म किया।
बताते चलें कि करवा चौथ व्रत को सबसे मुश्किल व्रतों में से एक माना गया है। इसमें अन्न और जल का त्याग किया जाता है। इसे निर्जला व्रत भी कहा जाता है। महिलाएं आज चांद देखने से पहले सोलह श्रृंगार कर करवा चौथ व्रत की कथा सुन कर अपना व्रत तोड़ती हैं। इस क्रम में शनिवार से ही सुहागिन महिलाओं में खासकर नवविवाहिताओं में करवा चौथ को लेकर सुहाग के सामान की खरीदारी को लेकर भारी उत्साह नजर आया। जिसमें करवा चौथ माता की पूजा और सुहाग से जुड़ी सामग्री की जमकर खरीददारी हुई।
मान्यता है कि यह पर्व कई सदियों से चला आ रहा है। और इस पर्व का इंतजार सुहागिन महिलाओं को बेसब्री से रहता है। पति भी इस त्यौहार में अपनी अर्धांगिनी को तमाम भेंट स्वरूप गिफ्ट आदि देकर अपने प्यार का इजहार करते हैं।