पिता जाएंगे जेल, 18 से कम उम्र के बच्चे अगर चलाएंगे वाहन।

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उत्तर प्रदेश में स्कूल खुलते ही सड़कों पर नाबालिग लड़के-लड़कियां वाहनों से फर्राटा भरने लगे हैं। ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ एक बार फिर ट्रैफिक पुलिस सख्ती करने के साथ ही चेकिंग अभियान चलाने जा रही है।

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18 वर्ष से कम आयु के बच्चे दो अथवा चार पहिया वाहन चलाते मिले तो बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस की ओर से मोटर वाहन यान अधिनियम की धारा 199 क के मुताबिक आश्रितों को जेल या 25 हजार जुर्माना भरना पड़ेगा।

इस संबंध में ट्रैफिक पुलिस की ओर से शनिवार को एक दिशा निर्देश जारी किए गए है। जहां बच्चों की ओर से वाहनों का संचालन किसी भी दशा में उचित नहीं होगा। अभिभावकों से अपील भी की गई है कि 18 वर्ष से कम आयु वाले स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा बिना ड्राइविंग लाइसेंस के दो पहिया व चार पहिया वाहन चलाया जाना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। बावजूद कोई भी अभिभावक अपने 18 वर्ष से कम आयु के छात्र-छात्रा और बच्चों को दो पहिया व चार पहिया वाहन किसी भी दशा में ना दें। क्योंकि चेकिंग में पकड़े जाने पर धारा 125 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत हो सकता है। जेल भेजने की कार्रवाई के साथ 25 हजार रुपये तक जुर्माना और 12 महीने के लिए वाहन के रजिस्ट्रेशन को रद्द किया जायेगा।

फिटनेस सेंटर पहुंचने लगीं स्कूली बसें वैन
बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूली वाहनों की जांच को लेकर प्रशासन की सख्ती के बाद अनफिट स्कूली बसें,, वैन फिटनेस को ट्रांसपोर्टनगर सेंटर पहुंचने लगीं। शनिवार को 36 वाहनों की फिटनेस हुई, जबकि गर्मी की छुट्टियों में 580 स्कूली वाहनों की फिटनेस सेंटर पर हुई। मगर 1230 स्कूली बस और वैन सड़कों पर दौड़ रहे हैं।

संभागीय निरीक्षक (आरआई) विष्णु कुमार ने बताया कि स्कूली बसों व वैनों में रिफ्लेक्टर, लाइट, इंजन, सेफ्टी, वीटीएस, खिड़कियों का जाल आदि की जांच की। शनिवार 36 ने मानक पूरा किया। आठ से अनफिट स्कूली वाहनों का चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने दिया है।

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