मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-

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लखनऊ । पेराई सत्र 2023-24 के लिए प्रदेश की समस्त चीनी मिलों द्वारा क्रय किये जाने वाले गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य (एस0ए0पी0) निर्धारित

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गन्ने की अगैती प्रजातियों के गत वर्ष के 350 रु0 प्रति कुन्तल के मूल्य को बढ़ाकर 370 रु0 प्रति कुन्तल किया गया, सामान्य प्रजातियों के लिए गत वर्ष के 340 रु0 प्रति कुन्तल के मूल्य को बढ़ाकर 360 रु0 प्रति कुन्तल किया गया

अनुपयुक्त प्रजातियों के लिए गत वर्ष गन्ना मूल्य 335 रु0 प्रति कुन्तल था, जिसे पेराई सत्र 2023-24 में बढ़ाकर 355 रु0 प्रति कुन्तल किया गया
मंत्रिपरिषद ने पेराई सत्र 2023-24 के लिए प्रदेश की समस्त चीनी मिलों (सहकारी क्षेत्र, निगम एवं निजी क्षेत्र) द्वारा क्रय किये जाने वाले गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य (एस0ए0पी0) का निर्धारण कर दिया है। गन्ने की अगैती प्रजातियों के गत वर्ष के 350 रुपये प्रति कुन्तल के मूल्य को पेराई सत्र 2023-24 में बढ़ाकर 370 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार, सामान्य प्रजातियों के लिए गत वर्ष के 340 रुपये प्रति कुन्तल के मूल्य को पेराई सत्र 2023-24 में बढ़ाकर 360 रुपये प्रति कुन्तल किया गया है। अनुपयुक्त प्रजातियों के लिए गत वर्ष गन्ना मूल्य 335 रुपये प्रति कुन्तल था, जिसे पेराई सत्र 2023-24 में बढ़ाकर 355 रुपये प्रति कुन्तल किया गया है।
मंत्रिपरिषद द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि पेराई सत्र 2023-24 हेतु निर्धारित किये गये राज्य परामर्शित मूल्य (एस0ए0पी0) के अनुसार देय गन्ना मूल्य का भुगतान चीनी मिलों द्वारा कृषकों को एक मुश्त दिया जाए। पेराई सत्र 2023-24 के लिए चीनी मिलों के वाह्य क्रय केन्द्रों से गन्ने का परिवहन मिल गेट तक कराये जाने के मद में होने वाली ढुलाई कटौती की दर 45 पैसे प्रति कुन्तल प्रति किलोमीटर अधिकतम 09 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित की जाए।
गन्ना कृषकों एवं सहकारी गन्ना विकास समितियों के हितों के दृष्टिगत पेराई सत्र 2023-24 हेतु गन्ना समितियों एवं गन्ना विकास परिषदों को देय अंशदान की दर 5.50 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित की जाए एवं तद्नुसार उ0प्र0 गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) नियमावली, 1954 के नियम-49 में आवश्यक संशोधन कर दिये जाएं।

ज्ञातव्य है कि पेराई सत्र 2023-24 हेतु गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य (एस0ए0पी0) निर्धारित किये जाने के सम्बन्ध में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में राज्य परामर्शित गन्ना मूल्य निर्धारण संस्तुति समिति गठित की गयी। समिति की संस्तुति, चीनी उद्योग की वर्तमान वित्तीय स्थिति, चीनी व अन्य सह-उत्पादों के बाजार मूल्य तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा चीनी उद्योग को सुदृढ़ करने हेतु लिए गये निर्णयों एवं गन्ना मूल्य का समय से भुगतान कराये जाने के दृष्टिगत कृषकों के हित में वर्तमान पेराई सत्र 2023-24 हेतु गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य (एस0ए0पी0) निर्धारित करने के साथ-साथ अन्य के सम्बन्ध में भी निर्णय लिया गया।

‘उ0प्र0 सेमीकण्डक्टर नीति-2024’ अनुमोदित
मंत्रिपरिषद ने ‘उत्तर प्रदेश सेमीकण्डक्टर नीति-2024’ को अनुमोदित कर दिया है।
‘उत्तर प्रदेश सेमीकण्डक्टर नीति-2024’ के प्रख्यापन से उत्तर प्रदेश को सेमीकण्डक्टर ईको सिस्टम का केन्द्र बनाने, रोजगार सृजन करने, कौशल विकसित करने तथा राज्य के लिए राजस्व उत्पन्न करने में मदद मिलेगी। नीति के माध्यम से सेमीकण्डक्टर क्षेत्र के निवेशकों को औचित्यपूर्ण छूट और प्रोत्साहन प्रदान किया जाना प्रस्तावित है, ताकि उत्तर प्रदेश में सेमीकण्डक्टर इकाइयों की स्थापना हो सके। वर्तमान में देश में सेमीकण्डक्टर से सम्बन्धित उद्योग स्थापित नहीं हैं।
इस नीति के अन्तर्गत सेमीकण्डक्टर उत्पाद से सम्बन्धित निवेशक यदि प्रदेश में निवेश करते हैं, तो प्रदेश सेमीकण्डक्टर ही नहीं, अपितु इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में विनिर्माण, नवाचार, रोजगार सृजन की वृहद सम्भावनाएं उत्पन्न होंगी। सेमीकण्डक्टर इकाइयों की स्थापना और औद्योगीकरण के फलस्वरूप प्रदेश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होगा, जिससे जन-सामान्य का सामाजिक-आर्थिक उत्थान होगा तथा प्रदेश की जी0डी0पी0 में वृद्धि होगी।
‘उत्तर प्रदेश सेमीकण्डक्टर नीति-2024’ तैयार करने के लिए राज्य सरकार ने ओडिशा और गुजरात की सेमीकण्डक्टर नीतियों की बेंचमार्किंग और विश्लेषण करते हुए इन नीतियों की सर्वाेत्तम प्रथाओं को अपनी नीति में सम्मिलित किया। इसके अतिरिक्त, प्रदेश सरकार द्वारा इण्डिया सेमीकण्डक्टर मिशन, भारत सरकार तथा अन्य औद्योगिक संगठनों सहित उद्योग हितधारकों से परामर्श किया गया है।
‘उत्तर प्रदेश सेमीकण्डक्टर नीति-2024’ अधिसूचना की तिथि से 05 वर्षाें के लिए वैध होगी। नीति की अधिसूचित तिथि से निवेश अनुमन्य होगा। नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आई0टी0 एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के अधीन यू0पी0 इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन लि0 नोडल संस्था होगी। नोडल संस्था ईको-सिस्टम के सभी हितधारकों के साथ सम्पर्क हेतु एकल खिड़की के रूप में कार्य करेगी। एकल खिड़की संचालन के प्रबन्धन हेतु नोडल संस्था द्वारा एक समर्पित परियोजना प्रबन्धन इकाई (पी0एम0यू0) स्थापित की जाएगी।
नोडल संस्था के कार्य-कलापों की देख-रेख के लिए आई0टी0 एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक नीति कार्यान्वयन इकाई (पी0आई0यू0) स्थापित की जाएगी। यह इकाई नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी होगी। नीति के प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय सशक्त समिति गठित की जाएगी। नीति के तहत आवेदन करने वाली सभी परियोजनाएं सशक्त समिति की अनुशंसा पर मंत्रिपरिषद के अनुमोदन के अधीन होंगी।
ज्ञातव्य है कि आज के बदलते परिवेश में सेमीकण्डक्टर उद्योग का अत्यधिक आर्थिक और सामयिक महत्व है। एक अनुमान के अनुसार अवधि वर्ष 2022-2029 में 12.2 प्रतिशत की चक्रवृद्धि विकास दर (सी0ए0जी0आर0) पर, वैश्विक सेमीकण्डक्टर बाजार वर्ष 2022 में 573.44 बिलियन डॉलर से बढ़कर वर्ष 2029 तक 1,380.79 बिलियन डॉलर हो जाएगा। इस बाजार की वृद्धि का श्रेय दुनिया भर में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के बढ़ते उपयोग को है।
भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2014-15 में यह 1,90,366 करोड़ रुपये (29 बिलियन अमेरिकन डॉलर) था, जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 5,33,550 करोड़ रुपये (75.7 बिलियन अमेरिकन डॉलर) हो गया। इस प्रकार इसमें 23 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि हुई।
सेमीकण्डक्टर विनिर्माण में निवेश आकर्षित करने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई पहल के अनुरूप, उत्तर प्रदेश राज्य में सेमीकण्डक्टर क्षेत्र में वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति-2020 (प्रथम संशोधन) में सेमीकण्डक्टर इकाइयों के लिए समर्पित प्राविधान किये गये थे।

भारत की सेमीकण्डक्टर मांग वर्ष 2025 तक 100 बिलियन अमेरिकन डॉलर तक पहुंचने की सम्भावना है, जिसका मूल्य वर्ष 2019-20 में लगभग 10.8 बिलियन अमेरिकन डॉलर था। किन्तु वर्तमान में वह अपनी लगभग समस्त सेमीकण्डक्टर आवश्यकता हेतु आयात पर निर्भर है। यह स्थिति उत्तर प्रदेश को अपनी सेमीकण्डक्टर नीति बनाकर उसके तहत निवेश आकर्षित करके सेमीकण्डक्टर उद्योग में अग्रणी बनने का अवसर प्रदान करती है। अतः उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अपनी सेमीकण्डक्टर नीति बनाई गई है।

विकास प्राधिकरणों के अन्तर्गत आने वाली कृषि भूमि के भू-उपयोग औद्योगिक में परिवर्तन कराने में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम की इकाइयों एवं प्लेज पार्काें (निजी एम0एस0एम0ई0 पार्काें) को परिवर्तन शुल्क से मुक्त रखे जाने हेतु उ0प्र0 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति-2022 में परिवर्धन के सम्बन्ध में
उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति-2022 में विकास प्राधिकरणों के अन्तर्गत आने वाली कृषि भूमि का भू-उपयोग औद्योगिक में परिवर्तन कराने में, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयों एवं प्लेज पार्काें (निजी एम0एस0एम0ई0 पार्काें) को परिवर्तन शुल्क से मुक्त रखने की व्यवस्था हेतु मंत्रिपरिषद ने ‘उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति-2022’ के प्रस्तर-5 में नये उप-प्रस्तर-5.1.17 जोड़ने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। मंत्रिपरिषद द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि इस व्यवस्था में किसी भी प्रकार का परिमार्जन/संशोधन मुख्यमंत्री जी के अनुमोदनोपरान्त किया जा सकेगा।

उप-प्रस्तर-‘5.1.17 विकास प्राधिकरणों के अन्तर्गत आने वाली कृषि भूमि के भू-उपयोग औद्योगिक में परिवर्तन कराने में सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम की इकाइयों एवं शासनादेश संख्या-10/2023/016/18-2-2023/18-2002/18-2022 दिनांक 01 फरवरी, 2023 से आच्छादित प्लेज पार्काें (निजी एम0एस0एम0ई0 पार्काें) को परिवर्तन शुल्क से मुक्त रखा जाएगा। औद्योगिक इकाइयां/औद्योगिक पार्काें द्वारा सम्बन्धित नीति में उल्लिखित शर्ताें का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा तथा किसी भी शर्त के उल्लंघन की स्थिति में भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में दी गयी छूट स्वतः समाप्त मानी जाएगी।’

मेट्रो रेल/आर0आर0टी0एस0 एवं उनकी समस्त सम्पत्तियों को उ0प्र0 नगर निगम अधिनियम, 1959 द्वारा अधिरोपित करों से छूट

उत्तर प्रदेश सरकार, उ0प्र0 नगर निगम अधिनियम, 1959 की धारा-221(3) के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए मेट्रो रेल/आर0आर0टी0एस0 एवं उनकी समस्त सम्पत्तियों को उ0प्र0 नगर निगम अधिनियम, 1959 द्वारा अधिरोपित करों से छूट प्रदान करती है, के प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद ने अनुमोदित कर दिया है।

जनपद गोरखपुर की नगर पंचायत मुण्डेरा बाजार का नाम परिवर्तित करते हुए नगर पंचायत चौरी चौरा, जनपद गोरखपुर किए जाने का प्रस्ताव अनुमोदित
मंत्रिपरिषद ने जनपद गोरखपुर की नगर पंचायत मुण्डेरा बाजार का नाम परिवर्तित करते हुए नगर पंचायत चौरी चौरा, जनपद गोरखपुर किए जाने तथा तद्सम्बन्धी अधिसूचना निर्गत किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। अधिसूचना की अंतर्वस्तु में संशोधन/परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता होने पर आवश्यक सुसंगत संशोधन/परिवर्तन हेतु मंत्रिपरिषद द्वारा मंत्री, नगर विकास विभाग को अधिकृत किया गया है।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 2022 में चौरी चौरा की प्रसिद्ध ऐतिहासिक घटना के 100 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर 04 फरवरी 2021 को चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव का शुभारम्भ किया गया था, जो कि 04 फरवरी, 2022 को सम्पन्न हुआ।
जिलाधिकारी, गोरखपुर के पत्र दिनांक 26.01.2022 द्वारा जनपद गोरखपुर की नगर पंचायत मुण्डेरा बाजार का नाम परिवर्तित कर प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल चौरी चौरा के नाम पर नगर पंचायत, चौरी चौरा, जनपद गोरखपुर किये जाने का प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराया गया था। किसी भी गांव, नगर इत्यादि का नाम परिवर्तित करने के सम्बन्ध में भारत सरकार के परिपत्र दिनांक 11 सितम्बर, 1953 एवं यथासंशोधित परिपत्र दिनांक 11.04.2004 द्वारा दिशा-निर्देश निर्गत हैं।
राज्य सरकार के पत्र दिनांक 04 फरवरी, 2021 द्वारा नगर पंचायत मुण्डेरा बाजार, जिला गोरखपुर का नाम परिवर्तित कर नगर पंचायत चौरी चौरा, जिला गोरखपुर किये जाने पर सहमति/अनापत्ति दिये जाने हेतु भारत सरकार से अनुरोध किया गया। भारत सरकार के पत्र दिनांक 06 अक्टूबर, 2022 द्वारा नगर पंचायत मुण्डेरा बाजार, जिला गोरखपुर का नाम नगर पंचायत चौरी चौरा, जिला गोरखपुर परिवर्तित किये जाने हेतु अनापत्ति प्रदान कर दी गयी है।

इस प्रकार जिलाधिकारी गोरखपुर के प्रस्ताव एवं तद्क्रम में भारत सरकार से प्राप्त अनापत्ति के दृष्टिगत नगर पंचायत मुण्डेरा बाजार, जिला गोरखपुर का नाम परिवर्तित कर ऐतिहासिक स्थल चौरी चौरा के नाम पर नगर पंचायत चौरी चौरा, जिला गोरखपुर किये एवं तत्सम्बन्धी अधिसूचना निर्गत करने हेतु मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया।

प्रदेश में निजी क्षेत्र के अन्तर्गत जे0एस0एस0 विश्वविद्यालय, नोएडा की स्थापना के सम्बन्ध में
मंत्रिपरिषद ने ‘उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (तृतीय संशोधन) अध्यादेश, 2024’ को प्रख्यापित कराए जाने, तत्पश्चात प्रायोजक संस्था जे0एस0एस0 महाविद्यापीठ, सी-20/1, सेक्टर 62, नोएडा, 201301, गौतमबुद्धनगर, उत्तर प्रदेश को संचालन का प्राधिकार पत्र निर्गत किए जाने तथा ‘उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (तृतीय संशोधन) अध्यादेश, 2024’ के प्रतिस्थानी विधेयक के आलेख्य को विभागीय मंत्री का अनुमोदन प्राप्त कर उसे राज्य विधान मण्डल में पुरःस्थापित/पारित कराए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

ज्ञातव्य है कि प्रायोजक संस्था जे0एस0एस0 महाविद्यापीठ द्वारा जे0एस0एस0 विश्वविद्यालय, नोएडा, उत्तर प्रदेश की स्थापना हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था। उक्त प्रस्ताव के परीक्षण के सम्बन्ध में कुलपति, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ की अध्यक्षता में मूल्यांकन समिति का गठन किया गया। मूल्यांकन समिति की आख्या के आलोक में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की संस्तुति के आधार पर मंत्रिपरिषद के अनुमोदन के उपरान्त प्रायोजक संस्था को आशय-पत्र निर्गत किया गया।

प्रदेश में निजी क्षेत्र के अन्तर्गत सरोज इन्टरनेशनल विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना के सम्बन्ध में
मंत्रिपरिषद ने ‘उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2024’ को प्रख्यापित कराए जाने के पश्चात प्रायोजक संस्था को संचालन प्राधिकार पत्र निर्गत किए जाने तथा ‘उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2024’ के प्रतिस्थानी विधेयक के आलेख्य पर विभागीय मंत्री का अनुमोदन प्राप्त कर उसे राज्य विधान मण्डल में पुरःस्थापित/पारित कराए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

ज्ञातव्य है कि प्रायोजक संस्था श्रीमती सरोज सिंह शिक्षण संस्थान, लखनऊ द्वारा सरोज इन्टरनेशनल विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना हेतु उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना) नियमावली, 2021 के प्रख्यापन के पश्चात प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था। प्राप्त प्रस्ताव के परीक्षण हेतु शासन द्वारा कुलपति, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ की अध्यक्षता में मूल्यांकन समिति का गठन किया गया। मूल्यांकन समिति की आख्या के आलोक में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुति के आधार पर मंत्रिपरिषद के निर्णय के अनुपालन में प्रायोजक संस्था को आशय-पत्र निर्गत किया गया।

प्रदेश में निजी क्षेत्र के अन्तर्गत शारदा विश्वविद्यालय, आगरा की स्थापना के सम्बन्ध में
मंत्रिपरिषद ने ‘उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश, 2024’ को प्रख्यापित कराए जाने, तत्पश्चात प्रायोजक संस्था श्री आनन्द स्वरूप एजुकेशनल ट्रस्ट आगरा, मथुरा हाईवे, आगरा, उत्तर प्रदेश को संचालन का प्राधिकार-पत्र निर्गत किए जाने तथा ‘उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश, 2024’ के प्रतिस्थानी विधेयक के आलेख्य पर विभागीय मंत्री का अनुमोदन प्राप्त कर उसे राज्य विधान मण्डल में पुरःस्थापित/पारित कराए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

ज्ञातव्य है कि प्रायोजक संस्था श्री आनन्द स्वरूप एजुकेशनल ट्रस्ट आगरा द्वारा जनपद आगरा में शारदा विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना) नियमावली, 2021 के अन्तर्गत प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। उक्त प्रस्ताव के परीक्षण के लिए कुलपति, डॉ0 भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा की अध्यक्षता में मूल्यांकन समिति का गठन किया गया। मूल्यांकन समिति की आख्या के आलोक में, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुति के आधार पर मंत्रिपरिषद के निर्णय के अनुपालन में प्रायोजक संस्था को आशय-पत्र निर्गत किया गया।

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