लखनऊ। श्री जीवन सुधार रामायणी सभा के द्वारा आयोजित रामलीला मंचन की शुरुआत मंगलवार को विभीषण राम की शरण आते है भगवान राम उनका राज्यभिषेक कर जामवन्त जी के आदेश से नल-नील दोनों भाइयों ने वानर सेना की सहायता से समुद्र पर पुल का निर्माण कर श्रीराम ने श्रीरामेश्वर की स्थापना करके भगवान शंकर की पूजा की और सेना सहित समुद्र को पार किया। राम द्वारा पुल बनाकर लंका पहुॅचने का समाचार सुन रावण अत्यन्त व्याकुल हो जाता हैं। मन्दोदरी के बार-बार समझाने पर भी रावण अपने अहंकार में चूर रहता है। इधर श्रीराम अपनी सेना सहित सुबेल पर्वत पर निवास करते है। और अंगद को दूत बनाकर लंका भेजा जाता हैं अंगद लंका पहुॅचकर रावण को श्रीराम के शरण मे आने का संदेश कहते है। किन्तु शान्ति के प्रयास विफल होने पर रावण युद्व की घोषणा कर देता हैं कमेटी के महामंत्री विवेकानंद श्रीवास्तव ने बताया कि राम किरदार अंश शुक्ला, लक्ष्मण आयुष मिश्रा, सीता रजत पांडे, रावण शैलेंद्र शुक्ला, सूर्पनखा संतोष शर्मा, सुग्रीव अंकित, बाली सोमनाथ तिवारी,.हनुमान राकेश कुमार गुप्ता, सरस्वती तनु, ने अभिनय किया। कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र पाण्डेय ने बताया कि बुधवार को दशहरा मेला, लक्ष्मण को शक्ति, कुम्भकरण वध, मेघनाथ वध, रावण वध, रावण दहन, आतिशबाजी एवं रंगारंग कार्यक्रम किया जाएगा।
चिनहट राम लीला में श्रीराम ने किया रामेश्वर की स्थापना
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