कफ सिरप कांड: अमिताभ ठाकुर ने सीएम योगी को पत्र लिखकर मांगी जांच, आईपी सिंह का तंज

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लखनऊ (6 दिसंबर 2025): उत्तर प्रदेश में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। आजाद अधिकार सेना (AAS) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कफ सिरप तस्करी मामले के आरोपी विकास सिंह विक्की (जिन्हें ‘विक्की’ भी कहा जाता है) और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद के बीच कथित निकटता की तत्काल जांच की मांग की है। ठाकुर ने पत्र में मीडिया रिपोर्ट्स और अन्य विश्वसनीय स्रोतों का हवाला देते हुए कहा है कि विक्की ने मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल, अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह को दुबई भागने में प्रमुख भूमिका निभाई। साथ ही, उन्होंने संजय प्रसाद के साथ विक्की की तस्वीरें साझा कीं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं।

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पत्र के मुख्य बिंदु,

पृष्ठभूमि: ठाकुर ने अपने पिछले पत्रों का जिक्र करते हुए बताया कि कफ सिरप (कोडीन-आधारित फेन्सिडिल जैसी दवाओं की अवैध तस्करी) का यह रैकेट 7 राज्यों और बांग्लादेश तक फैला हुआ है। यूपी STF ने हाल ही में अमित टाटा, आलोक सिंह (निष्कासित कांस्टेबल) और अन्य को गिरफ्तार किया है। विक्की को मुख्य सुविधाप्रदाता बताया जा रहा है, जो अजमगढ़ के नरवे गांव का रहने वाला है और हाल के वर्षों में तेजी से संपत्ति अर्जित करने के लिए जाना जाता है।

निकटता के आरोप: ठाकुर को मिली जानकारी के अनुसार, विक्की न केवल संजय प्रसाद (जो गृह विभाग और कई अन्य मंत्रालयों के प्रमुख सचिव हैं) बल्कि अन्य वरिष्ठ नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों के साथ भी करीबी हैं। पत्र में संलग्न तस्वीरों में विक्की को प्रसाद के बगल में खड़ा दिखाया गया है, जो ‘अत्यंत नजदीकी’ का संकेत देती हैं।

मांग: ठाकुर ने एक स्वतंत्र जांच की अपील की है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या विक्की को सरकारी संरक्षण मिला। उन्होंने कहा, “ये तथ्य कई गंभीर सवाल खड़े करते हैं, जो अलग से जांच के दायरे में आते हैं। तत्काल जांच कर समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करें।”

यह मामला पहले से ही राजनीतिक रंग ले चुका है। ठाकुर ने पहले भी इस रैकेट में पूर्व सांसद धनंजय सिंह, बीजेपी नेता अंबरीश सिंह भोला और पूर्व मंत्री नीलकंठ तिवारी के कथित लिंक की जांच की मांग की थी। STF की जांच में सामने आया है कि रैकेट ने झारखंड, धनबाद आदि में फर्जी फर्में बनाकर लाखों लीटर कफ सिरप खरीदा, जो पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश बॉर्डर से तस्करी किया जा रहा था। ED ने भी मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल की संपत्तियों पर नोटिस चिपकाए हैं।

आईपी सिंह का xएक्स पर तंज

समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आईपी सिंह ने ठाकुर के पोस्ट को कोट करते हुए तीखा प्रहार किया। उन्होंने लिखा:”अवनीश अवस्थी के बाद संजय प्रसाद CM योगी जी के सबसे खास प्रमुख सचिव गृह हैं। बहुत से मंत्रालयों की जिम्मेदारी है।ये घमंडी तथाकथित ईमानदार अफसर हैं इन्हें ED CBI इनकम टैक्स का कवच प्राप्त है कम्बल ओढ़कर घी पी रहे हैं।केंद्र सरकार इनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। सैंया भये कोतवाल अब डर काहे का….”

सिंह का यह कथन एक लोकप्रिय मुहावरे पर आधारित है, जो सत्ता के संरक्षण में भ्रष्टाचार को व्यंग्यात्मक रूप से उजागर करता है। उनका पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें 175+ लाइक्स और 33+ रीपोस्ट हैं। सिंह अक्सर खनन, नशा तस्करी और सरकारी संरक्षण जैसे मुद्दों पर ऐसी टिप्पणियां करते रहते हैं।

पृष्ठभूमि: अमिताभ ठाकुर कौन हैं?

अमिताभ ठाकुर एक पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्होंने 1992 में सेवा शुरू की। वे गोरखपुर, देवरिया, बस्ती आदि जिलों में एसपी रहे। योगी आदित्यनाथ के साथ उनका पुराना टकराव रहा है—2007 में गोरखपुर दंगों के दौरान ठाकुर ने हिंदू युवा वाहिनी पर सख्त कार्रवाई की थी। 2019 में वे IPS से वीआरएस ले चुके हैं और अब AAS चला रहे हैं, जो भ्रष्टाचार और अधिकारों के लिए लड़ती है। उनके एक्स हैंडल (@Amitabhthakur) पर 52k+ फॉलोअर्स हैं।

प्रतिक्रिया और संभावित प्रभाव

सरकार की ओर से: अभी तक CMO या STF से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्या ने पहले कहा था, “जांच पूरी होने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

“विपक्ष का रुख: SP और कांग्रेस ने इसे ‘सत्ता का संरक्षण’ बताते हुए हमला बोला है। ठाकुर का पत्र और वायरल तस्वीरें राजनीतिक बहस को हवा दे सकती हैं।

जांच की स्थिति: STF दुबई भागे आरोपियों की तलाश में जुटी है। ED की मनी लॉन्ड्रिंग जांच भी तेज हो रही है।

यह घटना UP में नशा तस्करी और सरकारी मशीनरी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है। अगर जांच आगे बढ़ी, तो बड़े खुलासे हो सकते हैं।

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