तेजी से बढ़ते आईटी और डिजिटलाइजेशन के इस दौर में जहां लोगों का काम तेज हुआ है, वहीं नए-नए रोज़गार के अवसरों का निर्माण भी हुआ है। परिवहन के क्षेत्र में इन दिनों बड़ी क्रांति हुई है जहॉं इंटीग्रेटेड फ्लीट चलानेवाली कंपनियों का दौर चल पड़ा है। इन दिनों एवरेस्ट फ्लीट कई बड़े शहरों में ड्रायवर्स को रोजगार का सुनहरा मौका देकर उनका जीवन सॅंवार रही है। बहुत ही कम अवधि में 6000 से अधिक वाहनों को अपने काफिले में शामिल करनेवाली एवरेस्ट फ्लीट से जुड़े ड्रायवर्स जब अपनी सफलता की कहानी खुद बताते हैं तो उनका अनुभव जितना सुखद लगता है, उतना ही दूसरों के लिए प्रेरणादायी भी है। ४ साल पहले रोज़गार की तलाश में प्रयागराज ,उत्तर प्रदेश से आए आनंद तिवारी बताते हैं कि वह एवरेस्ट फ्लीट के साथ पिछले डेढ़ साल से काम कर रहे हैं। इस कंपनी के साथ जुड़ने पर उन्हें पहले की तुलना में दुगुनी कमाई हो रही है। यहां उन्हें जो काम करने की आज़ादी मिली है, वैसा अनुभव उन्हें कहीं नहीं मिला है। अपने काम का समय वे खुद तय करके ग्राहकों को सेवा देते हैं और कंपनी से किसी भी तरह का कोई दबाव उनन पर नहीं डाला जाता।
एवरेस्ट फ्लीट ने कइयों के जीवन को बदला है। पंकज कुमार गुप्ता अपना अनुभव बताते हुए कहते हैं कि वे पहले एक ड्रायवर हुआ करते थे लेकिन आज एक बिज़नेस मैन बन गए हैं। अपनी खुशी बयान करते हुए पंकज गुप्ता कहते हैं कि उन्होंने एवरेस्ट फ्लीट से कुछ गाड़ियां ली और अपने साथ नए ड्रायवर्स को शामिल करके अपना व्यवसाय बढ़ाया। आज उन्होंने 20 ड्रायवर्स को रोजगार तो दिया ही है और साथ ही खुद भी अच्छी आमदनी कर रहे हैं। पंद्रह हजार रुपए के डिपॉजिट पर कंपनी उन्हें पंद्रह लाख की कार चलाने के लिए देती है। उनका कहना है कि दिन भर काम करके ड्रायवर को रोज़ाना 1500 रूपए की कमाई तो हो ही जाती है। आज उनके साथ काम कर रहे ड्रायवर्स हर महीने 35,000 रूपए से अधिक कमा शब्बीर खान ने २५ वर्ष पहले संत कबीरनगर, उत्तर प्रदेश से मुंबई आने के बाद ड्रायविंग ही शुरु की थी लेकिन ढाई साल से वे एवरेस्ट फ्लीट से जुड़े हैं। फ्लीट से जुड़ने का एक लाभ बताते हुए कहते हैं कि जब भी उनकी कोई गाडी बिगड़ती है तो ज़्यादा से ज़्यादा 24 घंटे के अंदर वह ठीक होकर आ जाती है। सर्विसिंग के लिए कंपनी से ही फोन आता है और ड्रायवर्स को सर्विसिंग के लिए याद भी नहीं रखना पड़ता। शब्बीर खान अपनी खुशी का इज़हार करते हुए कहते हैं कि आज उन्होंने गांव में अपना मकान बना लिया है और बच्चे अपनी पढ़ाई लिखाई में लगे हैं। वे मुंबई में जब तक रहेंगे, एवरेस्ट फ्लीट में ही जुड़कर काम करते रहेंगे।
एवेरेस्ट फ्लीट की शुरुआत अक्टूबर 2016 मैं हुई थी, आज फ्लीट को 6 वर्ष पुरे होने जा रहे हैं। काम को अच्छे और कुशलतापूर्वक करने के साथ साथ एवेरेस्ट फ्लीट के ड्राइवर्स को सहयोग करने के लिए 750 से भी अधिक कर्मचारी काम कर रहे है। ऐसे अनेक सफलता के किस्से एवरेस्ट फ्लीट के ड्रायवर्स बताते हुए नहीं थकते। एक प्रामाणिक कंपनी जो प्रामाणिकता से काम करनेवालों की मेहनत का सही मूल्य समझती है और उन्हें उसी प्रकार से लाभ के अवसर भी प्रदान कर रही है। एवरेस्ट फ्लीट के साथ जुड़कर सफलता के शिखर को छूने के लिए नए-नए ड्रायवर्स का जुड़ना निरंतर जारी है। ६ महानगरों में लाखों यात्रियों को अपने डेस्टिनेशन्स तक पहुंचानेवाली एवरेस्ट फ्लीट मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर, हैदराबाद, पुणे और कोलकाता में हजारों लोगों को रोजगार के मौके प्रदान कर रही है।