महिला कल्याण मंत्री ने विभाग के मण्डलीय अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक

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बहराइच । प्रदेश की मंत्री, महिला कल्याण, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने विकास भवन सभागार में देवीपाटन मण्डल के विभागीय अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में निर्देश दिया कि विभागीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन हेतु विभागीय अधिकारी अपने सुझावों से भी अवगत करा सकते हैं। श्रीमती मौर्य ने कहा कि सरकार की मंशा है कि सभी पात्र लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचे। तहसील महसी अन्तर्गत मानव वन्यजीव संघर्ष की समस्या के दृष्टिगत मा. मंत्री ने ग्रामस्तरीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सुझाव दिया कि प्रभावित क्षेत्रों में महिलाओं को जागरूक करें ताकि हिंसक जीव के हमलों में जनहानि को नगण्य किया जा सके।
मण्डीय समीक्षा बैठक के दौरान देवीपाटन मण्डल के उप निदेशक महिला कल्याण एन.बी. सिंह ने बताया कि पति की मृत्युपरान्त निराश्रित महिला (विधवा) पेंशन योजना के तहत 173486 महिलाओं को पेंशन का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत बिल जनरेटेड आवेदनों की संख्या 85501 है। जबकि उ.प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड-19) अन्तर्गत 355 तथा उ.प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के तहत 2207 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया है। स्पांसरशिप योजना के तहत 539 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है। उप निदेशक श्री सिंह ने बताया कि वन स्टाप सेंटर के माध्यम से 635 लोगों को परामर्श सेवा, 07 को निःशुल्क लीगल एड, 536 को आश्रय, 453 को चिकित्सा सुविधा तथा 256 लोगों को अन्य सेवाओं से लाभान्वित किया गया है। श्री सिंह ने बताया कि चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) पर 334 कालें प्राप्त हुईं है तथा माह अप्रैल से अगस्त 2024 तक 138 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की मण्डलीय समीक्षा बैठक के दौरान प्रभारी उप निदेशक मनोज कुमार मौर्या ने बताया कि कुल 9377 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जबकि मण्डल में 106 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उप निदेशक ने बताया कि प्रथम चरण अन्तर्गत 44 केन्द्रों कों 18 मूल भूत सुविधाओं से आच्छादित किया जा रहा है तथा द्वितीय चरण में 305 केन्द्रों का कार्य प्रगति पर है। उप निदेशक ने बताया कि बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से संचालित ईसीसीई (शाला पूर्व शिक्षा) निपुण भारत लक्ष्य अन्तर्गत 5-6 वर्ष के बच्चों का नामांकन बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
श्री मौर्य ने बताया कि मण्डल में कुल 1176087 पंजीकृत बच्चों के सापेक्ष सैम बच्चों की संख्या 15857, मैम बच्चों की संख्या 49587 तथा एनआरसी में भर्ती बच्चों की संख्या 331 है। उन्होंने बताया कि कुपोषित बच्चों का नियमित स्वास्थ्य जांच कर दवाएं, दोगुना अनुपूरक पुष्टाहार राशन, आंगनबाड़ी, आशा व एएनएम द्वारा गृह भ्रमण के साथ ही अभिभावकों को जागरूक भी किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बैठक से पूर्व मंत्री श्रीमती मौर्य द्वारा 05 गर्भवती महिलाओं की गोदभराई तथा 05 बच्चों को अन्नप्रासन कराया तथा आगा खां फाउण्डेशन के सौजन्य से 11 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियो को ईसीसीई किट का वितरण किया गया। बैठक के उपरान्त मा. मंत्री ने विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों को उपलब्ध करायी जाने वाली किट का अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चन्द्र, जिला कार्यक्रम अधिकारी बहराइच राज कपूर, श्रावस्ती के पी.के. दास, बलरामपुर की सुश्री निहारिका सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी गोण्डा संतोष कुमार सोनी, श्रावस्ती के सुबोध कुमार सिंह, बलरामपुर के सुशील कुमार सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

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